Uddhav said- who was pressuring you to stop Operation Sindoor | उद्धव बोले- सरकार सेना की बहादुरी का श्रेय न लें: पूछा- आर्मी ने साहस दिखाया, तो केंद्र ने उनके कदम क्यों रोके; किसका दबाव था?

मुंबई5 मिनट पहले

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उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादक संजय राउत को इंटरव्यू दिया। इसका वीडियो सामना के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया है। - Dainik Bhaskar

उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादक संजय राउत को इंटरव्यू दिया। इसका वीडियो सामना के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया है।

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाया कि जब सेना ने साहस दिखाया, तो फिर सरकार ने उनके कदम क्यों रोके? क्या सरकार किसी दबाव में थी? उन्होंने कहा कि सेना की बहादुरी का श्रेय किसी सरकार को नहीं जाना चाहिए।

उद्धव ने ये बातें पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में कहीं। रविवार को इसका दूसरा पार्ट जारी किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा,

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वे हिंदी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन जबरन थोपे जाने वाली हिंदी को स्वीकार नहीं करेंगे, जैसे वे भी मराठी किसी पर नहीं थोपते।

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ठाकरे ने कहा कि अगर उनके और राज ठाकरे के एक साथ आने से किसी को जलन होती है या किसी के पेट में दर्द होता है, तो यह उनकी समस्या है, न कि उनकी। मराठी मानुस अब जाग चुका है और अब किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा।

उद्धव के इंटरव्यू की बड़ी बातें…

1. केंद्र सरकार को देश नहीं व्यापार की चिंता

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें देश की नहीं, सिर्फ व्यापार की चिंता है। धार्मिक मामलों में उन्होंने कहा कि उन्हें हनुमान चालीसा से कोई विरोध नहीं, लेकिन सवाल यह है कि मारुति स्तोत्र को क्यों भुलाया जा रहा है।

2. आज प्रधानमंत्री केवल भाजपा के पास, देश के पास नहीं

उद्धव ने कहा कि मराठी मानुस जिद्दी नहीं होता, लेकिन जब उस पर अन्याय होता है, तो वह चुप नहीं बैठता। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज देश के पास प्रधानमंत्री नहीं है, सिर्फ भाजपा के पास है। जो लोग देश चला रहे हैं, वे संविधान को मानने के लिए भी तैयार नहीं हैं।

उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू का पहला पार्ट

उद्धव के शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू का पहला पार्ट शनिवार को जारी हुआ था। इस दौरान ठाकरे ने कहा- ‘ठाकरे’ एक ब्रांड नहीं महाराष्ट्र, मराठी मानुष और हिंदू अस्मिता की पहचान है। ठाकरे का मतलब ही संघर्ष है। कोई यह नाम, लोगों का प्यार या विश्वास नहीं चुरा सकता। कुछ लोग इस पहचान को मिटाने की कोशिश की, लेकिन खुद ही मिट गए।

शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- जिनके पास कुछ नहीं है और जो अंदर से खोखले हैं, उन्हें ठाकरे ब्रांड की मदद लगती है। यही इस ब्रांड की खासियत है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे गुट इस ब्रांड की चोरी कर रहा है और खुद को इसका भक्त बताकर अपना महत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

उद्धव ने कहा कि चुनाव आयोग एक पत्थर है। उस पत्थर पर सिंदूर लगा देने से उसे ‘शिवसेना’ नाम और धनुष-बाण चिह्न किसी और को देने का अधिकार नहीं मिल जाता। यह नाम मेरे पिता और दादा ने दिया है। ठाकरे महाराष्ट्र के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

उद्धव के इंटरव्यू के पहले पार्ट की 4 बड़ी बातें…

1. पत्थर को सिंदूर लगाने वाले दिल्ली में बैठे चुनाव आयोग हमारा चुनाव चिह्न किसी और को दे सकता है या फ्रीज कर सकता है, लेकिन ‘शिवसेना’ नाम वो किसी और को नहीं दे सकता। उन्हें यह अधिकार ही नहीं है। यह नाम मेरे दादाजी और मेरे पिता ने दिया है। अगर कल मैं चुनाव आयुक्त का नाम बदलकर पत्थर रख दूं, तो चलेगा क्या? उस पत्थर ने वो गैरकानूनी किया है। शिवसेना नाम वह किसी और को दे ही नहीं सकता। उस पत्थर को सिंदूर लगाने वाले दिल्ली में बैठे हैं, इसलिए फिलहाल यह सब चल जाता है।

2. शिंदे के पास भाजपा में विलय ही आखिरी विकल्प एकनाथ शिंदे के दिल्ली दौरे पर कहा- उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। गुरुपूर्णिमा के दिन उन्होंने जो किया वह मीडिया के सामने है। दिल्ली जाकर कितने पैर धोएंगे और चाटेंगे? उसी से पूरा दृश्य सामने आ गया था। ऐसे लोग परावलंबी ही होते हैं। उनके पास आत्मसमर्पण करने और मालिकों की पार्टी (भाजपा) में विलीन हो जाना ही आखिरी विकल्प बचा है।

3. भाजपा तोड़ो और राज करो की नीति अपना रही लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत न मिलने पर कहा, ‘आप सभी को एक बार मूर्ख बना सकते हो। किसी एक को हमेशा मूर्ख बना सकते हो, लेकिन सभी को हमेशा के लिए मूर्ख नहीं बना सकते। लोग अब धीरे-धीरे जादू से बाहर निकलने लगे हैं। भाजपा तोड़ो, फोड़ो और राज करो की अंग्रेजों की नीति अपना रही है।

4. लोकसभा रिजल्ट सिर चढ़ गया इसलिए विधानसभा हारे महाविकास अघाड़ी (MVA) के लोकसभा में अच्छे प्रदर्शन पर ठाकरे ने कहा कि हमने एकजुट होकर चुनाव लड़ा। बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता सतर्क थे। जनता ने पहचान लिया कि ‘अब की बार चार सौ पार’ का नारा संविधान बदलने के लिए है।

विधानसभा में MVA की हार पर उन्होंने कहा- कोआर्डिनेशन की कमी और लोकसभा का रिजल्ट सभी के सिर चढ़ गया था। लोकसभा चुनाव के दौरान ‘हमें जीतना है’ की भावना थी। विधानसभा में यह भावना ‘मुझे जीतना है’ हो गई। ‘हम’ में जो ‘मैं’ आ गया, उसी के चलते हार हुई।

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उद्धव ठाकरे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…

उद्धव बोले- BJP जिन्ना को भी शर्मिंदा कर देगी, सरकार हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘BJP और उसके सहयोगियों ने मुसलमानों के बारे में जो चिंता दिखाई है, उससे मुहम्मद अली जिन्ना भी शर्मिंदा हो जाएंगे। BJP हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है।’ पूरी खबर पढ़ें…

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Author: Source :www.bhaskar.com

Publish Date: 2025-07-20 09:52:54

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