Morena News: वीडियो ने हड़कंप मचा; हैडमास् टर ने कहा कि बच्चों को सरकारी किताबें फ्री में मिलनी चाहिए
मुरैना प्रदेश सरकार छात्रों को निशुल्क किताबों से लेकर दूर दराज के स्कूलों तक पहुंचने के लिए साइकिल भी देती है। शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों तक पहुंचने से पहले ही उनको बेचने की खबरें बहुत सुनी और देखी होंगी। पोरसा कस्बे में हाल ही में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां प्राइमरी स्कूल लक्ष्मी नारायण के प्रधानाचार्य ने पहली से पांचवीं तक की पुस्तकों को संकुल केंद्र से खरीदकर एक घंटे बाद कबाड़ी को 2200 रुपए में बेच दी।शिकायत मिलने पर, पुस्तक प्रभारी, बीईओ और बीआरसी ने पुस्तकों को जब्त करके बीआरसी कार्यालय में सील कर दिया है।
आपको बता दें कि स्कूल के हैडमास्टर शिवनारायण शर्मा ने शनिवार को धनेंटा रोड स्थित कबाड़ी की दुकान पर बोरों में किताबें भरकर कहा कि ये किताबें पुरानी हो गई हैं। इन्हें खरीद लो। कबाड़ी ने कहा कि सरकारी किताब खरीदना कोई समस्या नहीं होगी। इस पर हैडमास्टर ने कहा कि पुरानी पुस्तकें सहायक होंगी। बातचीत के बाद शिक्षक ने एक क्विंटल पचास पांच किलो किताबों को दो हजार दो सौ रुपये में बेच दिया।
किसी व्यक्ति ने कबाड़ी की दुकान पर हिंदी, गणित और पर्यावरण की किताबों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया। जब सूचना मिली, बीईओ, बीआरसी शैलेंद्र तोमर और पुस्तक प्रभारी मनोज तोमर कबाड़ी के गोदाम पर गए और वहां से पुस्तकों को जब्त कर बीआरसी कार्यालय ले गए। वहीं, कबाड़ दुकान संचालक का कहना है कि शिक्षक ने मुझे एक पुरानी किताब बोलकर बेचा है। मैंने कहा कि नई किताब नहीं है। इन किताबों को खरीदने में कोई समस्या तो नहीं होगी?
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई होगी
पुस्तक कार्यालय के प्रभारी मनोज सिंह तोमर ने फोन पर न्यूज 18 से चर्चा के दौरान कहा कि किताबों को बेचने का कोई कानून नहीं है। किताब ऊपर से छात्रों की संख्या के आधार पर ही आती है; इसमें कोई बेचने का कॉलम या अगर किताब बेची गई है भी नहीं है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी क्योंकि यह घोर लापरवाही है। इसमें कुछ नव वर्ष की किताबें भी उन्होंने बेचीं। हमने कबाड़ दुकान से उठाकर किताबों को जब् त करने के बाद यह मामला मेरे ध्यान में आया।