Milk: दूध शाकाहारी या मांसाहारी? विशेषज्ञ से जानें सच
Milk:दूध को मांसाहारी या शाकाहारी माना जाता है क्योंकि यह जानवरों से प्राप्त होता है। कुछ लोगों का मानना है कि दूध मांसाहारी होता है क्योंकि इसमें एनिमल फैट होता है। इसके अलावा, दूध में खून की तरह तरल कोशिकाएं भी होती हैं, जो इसे मांसाहारी मानने का एक कारण है। हिंदू धर्म में दूध को शाकाहारी और सात्विक भोजन का हिस्सा माना जाता है। धार्मिक अनुष्ठानों में भी इसका उपयोग होता है।(Milk)
दूध को शाकाहारी या मांसाहारी कहना कठिन है। भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में दूध को सात्विक और शाकाहारी माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों का विचार है कि दूध में जानवरों से प्राप्त फैट होने के कारण इसे मांसाहारी कहा जा सकता है। खरगोन के पशु चिकित्सक से बातचीत की, उन्होंने सटीक उत्तर दिया।
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दूध जानवरों का मांस नहीं है; यह जानवरों की दुग्ध ग्रंथियों से स्रावित होने वाला एक प्राकृतिक तरल पदार्थ है। दूध में अंडे की तरह बायो कोशिकाएं नहीं होती, इसलिए यह मांसाहार नहीं है। उनका कहना है कि जानवरों की दुग्ध ग्रंथियों में प्रोटीन, फैट और पानी मिलाकर दूध बनाया जाता है, जो इसे शाकाहारी और पौष्टिक बनाता है।
दूध और मांस में अंतर: दोनों की संरचना बहुत अलग है। जबकि दूध तरल होता है, मांस अर्ध ठोस होता है। हीमोग्लोबिन मांस को लाल बनाता है, जबकि दूध सफेद या हल्का पीला होता है। विटामिन ए गाय के दूध को हल्के पीले रंग देता है। पकाने पर मांस की संरचना बदल जाती है, लेकिन दूध कितनी देर उबाला जाए, उसका प्रोटीन और अन्य तत्व स्थिर रहते हैं।
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दूध के शाकाहारी होने की वैज्ञानिक पुष्टि भी की। दूध में किसी भी प्रकार की बायोलॉजिकल कोशिकाएं नहीं होती, जो मांसाहार में शामिल हो सकती हैं। दूध शाकाहारी है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फैट और पानी होता है। चूंकि दूध सिर्फ पोषण देने वाला स्त्राव है, वहीं अंडे से एक नया जीव पैदा होता है।
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विशेषज्ञों और वैज्ञानिक तथ्यों का कहना है कि दूध शाकाहारी है, न कि मांसाहारी। यह जानवर का मांस नहीं है, बल्कि उनके शरीर से प्राकृतिक स्त्राव है, जिसमें कोई नया जीव पैदा नहीं होता। धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों से दूध को शाकाहारी भोजन के रूप में मानना चाहिए। दूध के बारे में भ्रम और बहस को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों के तर्क और विज्ञान का उपयोग किया जा सकता है।