Health News :600 साल की आयु और डायबिटीज-गठिया का रामबाण इलाज
वैसे तो प्रकृति में कई प्रकार की वनस्पतियां हैं। जिनमें कई पेड़-पौधे हैं, उनके फल भी बहुत फायदेमंद हैं। आज हम आपको पहाड़ों में पाए जाने वाले एक ऐसे ही फल के बारे में बताएंगे। जो बहुत कठोर है, लेकिन कई औषधीय गुणों से भरपूर है। हम बात कर रहे हैं अंग्रेजी में “चेस्टनेट” या पहाड़ों में उगने वाले “पांगर” की। इसका उत्पादन यूरोप और अमेरिका में होता है। यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के खतरे को कम करता है। चेस्टनेट में विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन और कैल्शियम की बहुतायत है।(Health News)
पांगर का वैज्ञानिक नाम केस्टेनिया सेटिवा है। स्पेनिश सहबलूत और मीठा सहबलूत दो अलग नाम हैं। यह सबसे अधिक यूरोप और एशिया में पाया जाता है। यह समशीतोष्ण वनस्पति में पाया जाता है। इसकी खेती भी पूरी दुनिया में की जाती है। पांगर का पौधा २० से ३० मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इसके तने का व्यास दो मीटर तक है। इस वृक्ष की आयु पांच सौ से छह सौ वर्ष होती है। इसमें काले फल लगते हैं। जो बहुत से औषधीय गुणों से भरपूर है।(Health News)
पांगर का जंगल विदेश में है, प्रोफेसर तिवारी कहते हैं, चेस्टनेट, या पांगर, का बहुत पुराना इतिहास है। उन्होंने कहा कि यह चार हजार वर्ष पुराना है। इसका उल्लेख 2000 ईसा पूर्व के आसपास मिलता है। 850 से 950 ईसा पूर्व के दौरान चारकोल का उपयोग हुआ। उनका कहना था कि इसे पहली सदी में फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और उर्बेनिया में लाया गया था। इसके बाद यह सीरिया, लेबनाना और विश्व के कई अन्य देशों में खेती होने लगी। उनका कहना था कि इसके जंगल यूरोप में हैं।