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- India’s First Dual Stealth Drone With ‘RAMA’ Coating & Successful Agni, Prithvi Missile Tests Dainik Bhaskar
हैदराबाद24 मिनट पहले
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यह स्टील्थ ड्रोन के मॉडल की तस्वीर है। यह दुश्मन पर सेकंड्स से भी कम समय में अटैक कर सकेगा।
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपने हवाई रक्षा कवच का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया। अब जल्द दुनिया हमारी एक और हवाई ताकत देखेगी। भारत दुनिया का पहला ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन बना रहा है।
यह दुश्मन के हाईरेज राडार और इंफ्रारेड सिग्नल्स से बचने के साथ ही सेकंड्स से भी कम समय में अटैक कर सकेगा।
‘रामा’ कवच इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत
‘रामा’ खास स्वदेशी कोटिंग मटेरियल है, जो राडार और इंफ्रारेड की पहचान को 97% तक कम कर देता है। अभी सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस के पास ही राडार से छुपने वाले स्टेल्थ ड्रोन हैं।
ड्रोन को हैदराबाद की स्टार्टअप कंपनी वीरा डायनामिक्स और बिनफोर्ड रिसर्च लैब रक्षा मंत्रालय की मदद से तैयार कर रही है।
कंपनी के CEO साई तेजा ने बताया कि रामा (राडार अब्सॉर्प्शन एंड मल्टीस्पेक्ट्रल अडैप्टिव) खास मटेरियल है, जो दुश्मन के राडार और इंफ्रारेड सिग्नल से पूरी तरह छुप सकता है। 2025 के आखिर तक रामा के साथ ड्रोन को नौसेना को सौंप सकते हैं।
यह अमेरिका का स्टील्थ ड्रोन X-47B की तस्वीर है। यह नेवी के युद्धपोत से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है।
कुछ ऐसा है हमारा ड्रोन
रामा मटेरियल क्या है?
यह नैनोटेक आधारित स्टेल्थ कोटिंग हैं, जो राडार और इंफ्रारेड स्पेक्ट्रम में दृश्यता कम करती है। इसे पेंट या रैप के रूप में ड्रोन पर लगाते हैं। यह कार्बन पदार्थों का मिश्रण है, जो राडार तरंगों को अवशोषित करता है और ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में नष्ट करता है। इससे तापीय संकेतक 1.5° सेल्सियस प्रति सेकंड कम हो जाते हैं। इसे वीरा डायनामिक्स ने बनाया है।
युद्ध क्षेत्र में यह कितना कारगर?
जंग में दुश्मन सबसे पहले राडार से ड्रोन पकड़ते हैं, फिर इंफ्रारेड से निशाना लगाकर उसे गिराते हैं। हमारा ड्रोन रामा की बदौलत इन दोनों से बचता है।
सेना को क्या फायदा?
जब 100 हमलावर ड्रोन भेजे जाते हैं, तो 25–30 ही लक्ष्य तक पहुंचते हैं। हमारे नए ड्रोन 80-85 लक्ष्य भेदेंगे। ड्रोन का वजन 100 किलो है। यह 50 किलो तक पेलोड ले जा सकते हैं।
पृथ्वी-2 और अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण
भारत ने गुरुवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया।
पृथ्वी-2 पूर्णत: स्वदेशी और 350 किलोमीटर तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो 1 हजार टन पेलोड ले जा सकती है।
इसी तरह 700 से 900 किमी दूर तक सटीक मार करने वाली अग्नि-1 मिसाइल 1 टन विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। यह 2007 से भारतीय सेना के पास है।
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Author: Source :www.bhaskar.com
Publish Date: 2025-07-18 07:06:47