डॉ. प्रियंका के अनुसार, अक्सर लोग इसे बेकार समझ कर उखाड़ कर फेंक देते हैं, लेकिन ऐसी गलती कभी न करें. ये आपके लिए बड़े काम की चीज हैं. ये औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटी है. ये घास एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक, एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-बैक्टीरियल, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फाइबर और पोटैशियम से भरी हुई है. दुर्वा से पाचन तंत्र, त्वचा रोगों, शुगर और मासिक धर्म, सिरदर्द, उल्टी और मूत्र रोग जैसी कई समस्याओं से निजात मिल सकती है.
दूर्वा के उपयोग से पाचन क्रिया को बेहतर बनाया जा सकता है. अपच, गैस और कब्ज से राहत मिलती है. त्वचा रोग में इसके लाभ हैं. इसमें खुजली, जलन और रैशेज जैसी तमाम त्वचा की समस्याओं को दूर करने की अनोखी क्षमता होती हैं. इसकी तासीर भी ठंडी होती है. इस घास में साइनोडोन डेक्टाइलोन नामक यौगिक पाया जाता है, जो शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह घास मासिक धर्म में होने वाले असहनीय दर्द और ज्यादा रक्तस्राव की दशा में रामबाण है.
कैसे करें इसका सेवन?
बात आती हैं कि दूर्वा का प्रयोग कैसे करें?. इसका रस निकालकर सेवन करने के अलावा पीसकर शरीर में जहां समस्या हो, वहां लेप लगाया जा सकता है. इसका काढ़ा यानी चाय बनाकर पीने से लाभ मिलता है. सुखाकर पाउडर के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है. हालांकि यह एक औषधि है, इसलिए बगैर आयुर्वैदिक एक्सपर्ट से सलाह लिए इसका सेवन न करें. किन्हीं परिस्थितियों में यह हानिकारक भी हो सकता है. उम्र और बीमारी के हिसाब से कितना डोज किस प्रकार से किसको लेना है? ये बात एक चिकित्सक की बता सकता है. इसलिए सावधानी के साथ सेवन करना सेफ होगा.
Author: Priyan Shurabi Source Link :https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-scutch-grass-benefits-in-hindi-doob-ghas-ke-fayde-medicinal-properties-local18-9386450.html
Publish Date: 2025-07-11 06:01:06