सबसे पहली और खास बात ये है कि अगर सूरज अचानक बंद हो जाए, तो हमें इसका तुरंत पता नहीं चलेगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि सूरज की रोशनी को धरती तक पहुंचने में लगभग 8.5 मिनट लगते हैं. यानी, अगर सूरज अभी बंद हुआ, तो भी 8.5 मिनट तक हमें उसकी रोशनी दिखती रहेगी. अन्वेषा नागा (Anvesha Naga) बताती हैं कि जो लोग दिन के उजाले में होंगे, उन्हें 8.5 मिनट बाद ही अंधेरा होने का एहसास होगा. इस छोटी सी अवधि में धरती को कोई खास नुकसान नहीं होगा. हमारी पृथ्वी गर्मी को काफी अच्छे से रोक कर रखती है, इसलिए हम तुरंत जम नहीं जाएंगे. वहीं, क्रिस वुड (Chris Wood) कहते हैं कि ये बिल्कुल ऐसा होगा, जैसे दिन में अचानक एक मिनट के लिए रात हो जाए. वहीं, बिल टब्स ने इसकी तुलना सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) से की, जहां दिन में कुछ देर के लिए अंधेरा हो जाता है. इससे लोगों में थोड़ा कौतूहल ज़रूर होगा, शायद कुछ जगहों पर ट्रैफिक दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं, लेकिन थर्मल यानी गर्मी के लिहाज से कोई खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि एक मिनट का समय बहुत कम है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, सूरज के एक मिनट के लिए गायब होने से कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा. कुछ लोगों को तो शायद पता भी नहीं चलेगा कि सूरज गायब हो गया है. अगर मिनटों के बजाय हफ्तों या महीनों की बात हो तो लंबा असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों ने बताया कि अगर सूरज एक हफ्ते के लिए गायब हो जाए, तो छोटे पौधे मरने लगेंगे. धरती का औसत तापमान लगभग 0 डिग्री सेल्सियस (32 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक गिर जाएगा. वहीं, कुछ महीने के लिए सूरज गायब होता है तो प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) पूरी तरह रुक जाएगा, जिससे पेड़-पौधे खत्म होने लगेंगे. हालांकि, बड़े पेड़ कुछ दशकों तक बिना सूरज की रोशनी के भी जी सकते हैं. कुछ महीनों के भीतर समुद्र की ऊपरी परत जमने लगेगी, लेकिन पूरे समुद्र को जमने में हज़ार साल और लग सकते हैं.
कोरा पर लोगों ने साफतौर पर कहा कि सूरज का सिर्फ एक मिनट के लिए बंद होना धरती पर कोई बड़ा विनाश नहीं लाएगा. इसका सबसे बड़ा असर सामाजिक और मनोवैज्ञानिक होगा, जिससे कुछ जगहों पर दहशत और धार्मिक समूहों में भ्रम फैल सकता है. लेकिन अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो इसके परिणाम विनाशकारी होंगे. अगर सूरज कई सालों के लिए गायब हो जाएगा तो सभ्यता ढह जाएगी और ज़्यादातर इंसान खत्म हो जाएंगे. जो कुछ लोग बचेंगे, उन्हें शायद धरती के केंद्र के करीब जाना होगा, जहां वे भू-तापीय ऊर्जा पर कृत्रिम शहरों में जी सकें. वहीं, सूरज सौ-दो सौ साल के लिए गायब हो जाता है तो धरती का तापमान -240 डिग्री सेल्सियस (-400 फ़ारेनहाइट) तक गिर जाएगा. वातावरण खत्म हो जाएगा, हानिकारक विकिरण अंदर घुस जाएगा और धरती बंजर बन जाएगी. तब शायद सिर्फ महासागरों की गहराइयों में कुछ बैक्टीरिया ही जीवित रह पाएंगे.
Author: Niranjan Dubey Source Link :https://hindi.news18.com/news/ajab-gajab/off-beat-what-happen-if-sun-shuts-down-one-minute-earth-impact-solar-darkness-panic-no-major-disaster-9373498.html
Publish Date: 2025-07-08 05:31:04