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Adamkhor Bhalu ka Hamla: सीधी में आदमखोर भालू ने पांच ग्रामीणों पर हमला कर तीन की मौत, दो गंभीर. भालू को भीड़ ने मार गिराया; अस्पताल देरी पर आक्रोश, वन अमला जांच में जुटा.
हाइलाइट्स
- आदमखोर भालू ने सीधी में पांच ग्रामीणों पर हमला किया.
- तीन ग्रामीणों की मौत, दो गंभीर रूप से घायल.
- ग्रामीणों ने भालू को मार गिराया, प्रशासन जांच में जुटा.
हरीश द्विवेदी, सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुआ एक भयंकर वाकया. सुबह गांव वाले पालतू भैंस लेकर खुले मैदानों में चराने गए थे कि अचानक एक आदमखोर जंगली भालू उन पर टूट पड़ा. भीड़ ने देखा तो भागते हुए पांच लोगों को बचाने की पुरज़ोर कोशिश की, लेकिन भालू ने हमला जारी रखा.तीन लोगों की दर्दनाक मौत, दो की हालत गंभीर
भीड़ ने भागकर तीन लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन तीन लोग जान गंवा बैठे. दो लोग बुरी तरह जख्मी हैं और अभी भी जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहे हैं. एक गाँववाले का कहना है कि देर से एम्बुलेंस आई, वरना शायद बच सकते थे.
भीड़ ने भागकर तीन लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन तीन लोग जान गंवा बैठे. दो लोग बुरी तरह जख्मी हैं और अभी भी जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहे हैं. एक गाँववाले का कहना है कि देर से एम्बुलेंस आई, वरना शायद बच सकते थे.
भैंसें भी नहीं बच सके
हमले में एक भैंस की भी मौत हुई और दो दूसरी गंभीर रूप से जख्मी हो गईं. गाँव वालों के आजीविका का संकट और गहरा गया है. आक्रोशित ग्रामीणों ने जंगल में भालू को घेरकर पीट-पीटकर मार डाला. जो डर उसने फैलाया था, उसी के लिए उसे भुगतना पड़ा. भीड़ का कहना था कि हम अपनी जान हैं या भैंस कोई बचाने नहीं आया, तो हमने खुद क़दम उठाया.प्रशासन पहुंचा और शुरू हुई जांच
घटना के बाद संजय टाइगर रिजर्व के वन अमले और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुँचे. अब जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या भालू आदमखोर सच में था और क्या प्रशासन ने समय पर पहल की.
हमले में एक भैंस की भी मौत हुई और दो दूसरी गंभीर रूप से जख्मी हो गईं. गाँव वालों के आजीविका का संकट और गहरा गया है. आक्रोशित ग्रामीणों ने जंगल में भालू को घेरकर पीट-पीटकर मार डाला. जो डर उसने फैलाया था, उसी के लिए उसे भुगतना पड़ा. भीड़ का कहना था कि हम अपनी जान हैं या भैंस कोई बचाने नहीं आया, तो हमने खुद क़दम उठाया.प्रशासन पहुंचा और शुरू हुई जांच
घटना के बाद संजय टाइगर रिजर्व के वन अमले और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुँचे. अब जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या भालू आदमखोर सच में था और क्या प्रशासन ने समय पर पहल की.
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीण मान रहे हैं कि सरकारी लापरवाही और इलाज में देरी ने एक इंसान की जान छीन ली. एक बुज़ुर्ग बोले कि अगर एम्बुलेंस तुरंत आई होती, तो ये जान बच सकती थी.
ग्रामीण मान रहे हैं कि सरकारी लापरवाही और इलाज में देरी ने एक इंसान की जान छीन ली. एक बुज़ुर्ग बोले कि अगर एम्बुलेंस तुरंत आई होती, तो ये जान बच सकती थी.