अजीत डोभाल, जिन्हें "भारत के जेम्स बॉन्ड" के रूप में भी जाना जाता है, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी ज़िंदगी और करियर में कई दिलचस्प और प्रेरणादायक पहलू हैं।
अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। वे भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1968 बैच के अधिकारी हैं। डोभाल ने अपनी अधिकतर सेवा खुफिया ब्यूरो (IB) में बिताई, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों को अंजाम दिया।
अजीत डोभाल ने 7 साल तक पाकिस्तान में गुप्त एजेंट के रूप में काम किया। उन्होंने भारतीय खुफिया तंत्र के लिए महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई और कई खतरनाक मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान, अजीत डोभाल ने खालिस्तानी आतंकियों के बीच एक जासूस के रूप में रहकर महत्वपूर्ण जानकारी दी, जिसने इस ऑपरेशन की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
2016 में उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की योजना में अजीत डोभाल की प्रमुख भूमिका थी। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश दिया और डोभाल की रणनीतिक कुशलता को दुनिया ने पहचाना।
अजीत डोभाल ने 1990 के दशक में मॉस्को में भारतीय राजदूतावास के प्रमुख के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी हासिल की और रूस के साथ भारत के संबंधों को मजबूत किया।
अजीत डोभाल ने श्रीलंका, म्यांमार और नेपाल जैसे देशों में भी भारत की रणनीतिक सुरक्षा और शांति के लिए अहम भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों ने भारत को दक्षिण एशिया में एक मजबूत और स्थिर ताकत बनाने में मदद की है।
अजीत डोभाल की जीवनभर की सेवा ने उन्हें भारत के सबसे विश्वसनीय और सम्मानित सुरक्षा विशेषज्ञों में से एक बना दिया है। उनका समर्पण और निष्ठा उन्हें देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनाती है।