आकाश निषाद, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर के इस शख्स की कहानी आपको हिलाकर रख देगी. यह कहानी है जबलपुर के उस शख्स की जो खौलते हुए तेल में हाथ डालकर मंगोड़े निकालते हैं. यह काम चार पीढ़ियों से चला आ रहा है. जो भी यह तस्वीर देखता है, वह दांतों तले अंगुली दवा लेता है.
दरअसल हम बात कर रहे हैं जबलपुर के बड़ा फुहारा स्थित देवा मंगोड़ा की. यह दुकान करीब 107 साल पुरानी है. जब भारत देश आजाद भी नहीं हुआ था. जितनी पुरानी दुकान है, उतना ही बेहतरीन मंगोड़े का स्वाद है, जिसका संचालन चौथी पीढ़ी के अतुल जैन कर रहे हैं. आइए जानते हैं इस खोलती हुई कढ़ाई में हाथ डालने का राज….
लाइव वीडियो देखकर ग्राहक भी हो गए सन्न
लोकल 18 की टीम यह अद्भुत करिश्मा को देखने ग्राउंड जीरो पर देवा मंगोड़ा की दुकान पहुंची. तब ग्राहकों के आगे दुकान ही नहीं दिखाई दे रही थी. लिहाजा हमें ग्राहकों को किनारे करना पड़ा. दुकानदार अतुल जैन एक-एक कर खोलती हुई कढ़ाई में मंगोड़े डाल रहे थे, इतने में ही उन्होंने यह करिश्मा भी करके दिखाया. जिसको देखकर हम भी चौंक गए. जहां अतुल जैन खौलती हुई कढ़ाई में हाथ डाल दिया और बाहर निकाल लिया. न उनके माथे में किसी प्रकार की शिकन थी और न ही हाथ लाल पड़े थे.
गुरु प्यारेलाल दादा तांगे वाले का आशीर्वाद…
अतुल जैन ने बताया दुकान 107 साल पुरानी है. चौथी पीढ़ी दुकान को संभाल रही है. सबसे पहले यह दुकान 1918 में आजादी के पहले दादा स्व. कंछेदी जैन ने शुरू की थी. जिनके बाद दालचंद जैन, देवेंद्र कुमार जैन और अब अतुल जैन के हाथों में दुकान की कमान है. खौलते हुए तेल में हाथ डालने को लेकर उन्होंने कहा यह किसी करिश्मा से कम नहीं है. यह हमारे गुरु प्यारेलाल दादा तांगे वाले का आशीर्वाद है. जिनकी बदौलत खोलते हुए तेल में हाथ डाल देते हैं. यह वर्षों पुरानी परंपरा है, जो चली आ रही है.
एक ही नीली शर्ट में नजर आते हैं अतुल जैन
हैरान करने वाली बात यह भी है कि अतुल जैन रोजाना जब भी दुकान आते हैं, तब एक ही कलर की एक जैसी नीली टीशर्ट पहने हुए नजर आते हैं. जब हमने उनसे एक ही टी-शर्ट पहनने का राज पूछा… तब उन्होंने कहा ऐसी टीशर्ट उनके पास 12 है. जो रोजाना बदल-बदल कर पहनते हैं. उन्होंने बताया यह पूर्वजों का आशीर्वाद है और परंपरा है. जिसके चलते एक ही टीशर्ट पहनकर हमेशा दुकान को संभालते हैं. मतलब जब भी आप देवा मंगौड़े की दुकान जाएंगे, तब आपको नीली टीशर्ट में ही अतुल जैन दिखाई देंगे.
मशीन से नहीं सिलबट्टे से पीसते हैं, दाल और मसाले
दुकान की खास बात यह है की मंगोड़े बनाने में तैयार किए गए मटेरियल को घर में ही तैयार किया जाता है. जहां 5 घंटे तक सिलबट्टे में दाल और मसाले को पीसा जाता है. मतलब मशीन या चक्की की मदद नहीं ली जाती. उन्होंने बताया सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 1 तक मसाला तैयार किया जाता है फिर 1 बजे से दुकान खोली जाती है. जहां ग्राहकों को गरमा-गरम मंगोड़े दिए जाते हैं. खास बात यह है देवा के मांगोडे में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं होता हैं.
राजनेताओं से लेकर कलाकार भी हैं दीवाने
अतुल जैन ने बताया मंगौड़े का लुफ्त उठाने शहरभर से नहीं प्रदेश और देशभर से आते हैं. जिनमें केंद्रीय मंत्री रहे शरद यादव, कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तंखा, अनेकों विधायक, कलाकार एहसान कुरैशी सहित कई दिग्गज दुकान में आकर मंगोड़े का लुफ्त उठा चुके हैं. दुकान में मगोंडे के अलावा समोसा, आलू बंडा, साबूदाना का बड़ा, भाजी बड़ा भी लोगों को काफी पसंद आता है.
ग्राहक बोले; हमारे हाथ होते तो छाले पड़ जाते
पिछले 10 साल से दुकान आ रही प्रीति जायसवाल ने बताया बाकी दुकानों के मुकाबले देव मकोड़े का टेस्ट शानदार हैं. मेरे बच्चों को समोसे काफी पसंद आते हैं. खोलते हुए तेल में हाथ डालने को लेकर उन्होंने कहां यह किसी चमत्कार से कम नहीं है, हमारे हाथ होते तो छाले पड़ जाते, उनके हाथों में कुछ नहीं होता. यह असंभव सा लगता है. बरहाल लोकल 18 अपील करता है, यदि आप भी इस तरीके से करने के बारे में सोच रहे हैं, तब यह खतरे से खाली हो सकता है.