गलत खून चढ़ाने से महिला की किडनी फेल! क्यों और कब होता है ट्रांसफ्यूजन रिएक्शन, डॉक्टर से जानें ब्लड ग्रुप का गणित

उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर में एक निजी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से महिला की किडनी फेल हो गई. ऐसा आरोप महिला के परिजनों ने लगाए हैं. दरअसल, पिंटू नाम का एक व्यक्ति अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए चकेरी थाना अंतर्गत न्यू आजाद नगर सदबरी स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचा था, जिसके लिए उसे ब्लड की जरूरत थी. आरोप है कि, इस दौरान पैसे लेकर अस्पताल ने ही गलत ब्लड मुहैरा कराकर चढ़ा दिया. इसके चलते उसकी पत्नी की किडनी फेल हो गई है. हालांकि, मामले की जांच चल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दूसरे Blood Group का खून क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए? ब्लड ग्रुप का गणित क्या है? इस बारे में News18 को बता रही हैं नोएडा सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मीरा पाठक-

ब्लड ग्रुप का गणित

एक्सपर्ट के मुताबिक, हमारा खून कई तरह की कोशिकाओं और एक तरल पदार्थ से मिलकर बना होता है. इस तरल पदार्थ को प्लाज्मा कहते हैं. खून में सबसे ज्यादा रेड ब्लड सेल्स होते हैं. इन सेल्स की सतह पर कुछ खास तरह के पदार्थ होते हैं, जिन्हें एंटीजन कहते हैं. ये एंटीजन ही बताते हैं कि किसी व्यक्ति का खून किस तरह का है यानी उसका ब्लड ग्रुप क्या है. आमतौर पर दुनियाभर में 4 तरह के ब्लड ग्रुप (A, B, AB और O) पाए जाते हैं. इन्हें पॉजिटिव और नेगेटिव की सब-कैटेगिरी में बांटा जाता है. इसके साथ कुछ माइनर एंटीजन भी होते हैं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को ब्लड की जरूरत होती है तो उसे कुछ खास कैटेगिरी के लोगों का ही ब्लड चढ़ाया जा सकता है. गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. यही नहीं, कुछ केसों में यह जानलेवा भी हो सकता है.

मरीज का ब्लड टेस्ट जरूरी क्यों?

खून हमारे शरीर का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा है. यह हमारे शरीर के हर कोने में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है. जाहिर है, खून के बिना हमारा शरीर काम ही नहीं कर सकता है. आपने देखा होगा कि जब हम बीमार होते हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले Blood Test करने के लिए बोलते हैं. दरअसल, ब्लड टेस्ट के जरिए डॉक्टर को पता चल पाता है कि मरीज के शरीर में क्या समस्या है. खून की जरूरत है या नहीं. हमारे शरीर में कौन-सा तत्व कम या ज्यादा है और खून कम होने पर कौन से ग्रुप का ब्लड चढ़ेगा. ब्लड हमेशा सेम ब्लड ग्रुप का और क्रास मैचिंग हो.

क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए गलत ब्लड

इंसान में खून की कमी होने पर डॉक्टर खून चढ़ाते हैं, लेकिन, यह बहुत जरूरी है कि व्यक्ति को उसी तरह का खून चढ़ाया जाए जो उसके शरीर में पहले से है. अगर किसी व्यक्ति को गलत ग्रुप का खून चढ़ा दिया जाए तो ऐसे स्थिति में उसके शरीर में खून के साथ रिएक्शन हो सकता है और उसे बहुत नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, सही खून चढ़ाने के बाद भी किसी व्यक्ति को एलर्जी हो सकती है, लेकिन ऐसी स्थिति में डॉक्टर इमर्जेंसी दवाइयों की मदद से सिचुएशन को कंट्रोल कर लेते हैं.

क्यों होता है ट्रांसफ्यूजन रिएक्शन?

डॉक्टर की मानें तो, हमारे खून में रेड ब्लड सेल्स होते हैं, जिनकी सतह पर एंटीजन मौजूद होते हैं. एंटीजन कई तरह के होते हैं और इन्हीं एंटीजन के आधार पर ब्लड ग्रुप को तय किया जाता है. जब किसी व्यक्ति को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाया जाता है, तो शरीर उस खून में मौजूद एंटीजन को विदेशी मानता है और उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है. ये एंटीबॉडी खून के थक्के बनाने का कारण बनते हैं और ट्रांसफ्यूजन रिएक्शन होता है.

खून चढ़ाते समय इन बातों का रखें विशेश ख्याल

  • एक्‍सपायरी डेट चेक करने के बाद ही ब्लड चढ़वाएं. बता दें कि, ब्लड 2 तरह की डेट के साथ म‍िलता है. एक की एक्सपायरी डेट 35 दिन और दूसरे की 42 द‍िन होती है.
  • अगर मरीज को इमरजेंसी में ब्लड नहीं चढ़ाया जा रहा तो खून चढ़ाने से पहले पैसेंट की पूरी हिस्ट्री और कुछ रिएक्शन से जुड़ी जानकारी डॉक्टर को जरूर दे देनी चाहिए.
  • खून चढ़ाने के दौरान ही मरीज को बुखार, घबराहट, उल्‍टी या बहुत ठंड लगने लगे तो खून चढ़ाना रोक दें. कई बार संक्रमित खून से बॉडी तुरंत र‍िएक्‍ट करने लगती है.
  • ब्लड चढ़ाने की स्पीड पर ध्यान दें. बता दें कि, नॉर्मल कंडीशन में खून की 15 से 20 बूंदे हर म‍िनट से चढ़ाई जाती है. हालांक‍ि हालत देखकर स्‍पीड कम-ज्‍यादा हो सकती है.
  • जब खून चढ़ाया जाए तो उससे पहले मरीज का सही ब्लड ग्रुप पता होना जरूरी है. साथ ही ध्यान रखें कि, ब्लड सही ग्रुप का ही चढ़ाया जाए. अनदेखी से जान भी जा सकती है.
  • खून चढ़ते समय पाइप में हवा बिलकुल नहीं होनी चाहिए. दरअसल, कई बार कंपाउडर या नर्स की लापरवाही से ड्रिप में हवा रह जाती है, जिससे मरीज की जान जा सकती है.
  • खून की बॉटल जब खत्‍म होने वाली हो तो ड्रिप का स्विच ऑफ कर दें, ताकि बॉटल खत्म होने पर कही उल्टा खून बॉटल में न जाने लगे. इसलिए ड्रिप को बंद करना जरूरी है.
  • ब्लड अगर नाते-रिश्तेदार या दोस्त डोनेट कर रहे तो उनकी मेडिकल हिस्ट्री जरूर जान लें. बीमारी न होने के बावजूद ब्लड की लैब टेस्ट कराएं, ताकि बीमारी से बचाव हो सके.

Author: Lalit Kumar Source Link :https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-kanpur-wrong-blood-transfusion-leads-to-kidney-failure-doctor-negligence-know-math-of-blood-group-from-doctor-meera-pathak-9394274.html

Publish Date: 2025-07-13 10:58:51

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